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    ज़्यादा खाने से होने वाली 12 क़िस्म की जिस्मानी बीमारियां ( 12 types of physiological diseases caused by eating more )

    🥘ज़्यादा खाने से होने वाली 12 क़िस्म की जिस्मानी बीमारियां ।

    ज़्यादा खाने से होने वाली 12 क़िस्म की जिस्मानी बीमारियां ( 12 types of physiological diseases caused by eating more ),jyada khane se kya hota hai in hindi
    jyada khane se kya hota hai in hindi
                     

    मोटा हो या दुबला पतला जो कोई भी ख़ूब डट कर खाने का आदी हो उसे किसी भी मोहलिक (यानी हलाक करने वाली) बीमारी के इस्तकबाल के लिए तैयार हो जाएं क्योंकि ज़्यादा खाने से पेट ख़राब हो जाता है और बकौले अतिब्बा 80% अमराज़ पेट की बीमारी से पैदा होते हैं। जिन में
    12 किस्में ये हैं -




    • 1. दिमागी अमराज़ 

    • 2. आंखों की बीमारियां

    • 3. ज़बान और गले की बीमारियां

    • 4. सीने और फेफड़े के अमराज़

    • 5. फालिज और लाक्वा

    • 6. जिस्म के निचले हिस्से का सुन हो जाना

    • 7. शूगर

    • 8. हाई ब्लड प्रेशर

    • 9. दिमागी शिरयान ( यानी मगज़ की नस) फट जाना

    • 10. नफसियाती अमराज़ ( पागल हो जाना) वगैरा 

    • 11. जिगर और पित्ते के अमराज़ 

    • 12. डिप्रेशन

    मोटापा मौत का सबब बन सकता है।
    एक तिब्बी तहकीक के मुताबिक़ मोटे अफ़राद में ख़ून के लोथड़े (CLOTS) बनने का अमल तेज़ होता है, जो जल्द ज़िन्दगी खत्म करने का पेशखैमा बनता है। तहकीक के मुताबिक़ मोटापा मौत को दावत देने के बराबर है, क्योंकि इससे ख़ून के लोथड़े  (CLOTS) बनना शुरू हो जाते हैं, टांगों में बनने वाले लोथड़े पूरे जिस्म में ख़ून की रवानी मुता'अस्सिर करते हैं। एक और तिब्बी तहकीक के मुताबिक़ ज़्यादा मीठे और मुरग्गन ( यानी घी तेल और तरह तरह की चकनाईयों वाले) खाने और मशरूबात  (Drinks) ना सिर्फ़ वज़न और मोटापे में इज़ाफे का बाइस बनते हैं बल्कि उनके स्तेमाल से दिल और दिमाग़ की शरियानों ( ख़ून की बारीक नसों) में दौड़ने वाला ख़ून भी गाढ़ा हो जाता है जो दिल के दौरे या दिमागी रगों में ख़ून जमने जैसे जानलेवा अरिज़ों (यानी बीमारियों) का सबब बन सकता है।

    क्या  बैठ कर काम करने से मोटापा आता है?

    बहुत से भारी भरकम लोग ख़ूब खाने पीने की की खसलत से कतए नज़र करते हुए ये कहते हुए सुनाई देते हैं के भई क्या करें, हमारा काम ही बैठने का है इसलिए वज़न बढ़ और पेट उभर गया है!!! ये उनकी गलत  फेह्मी है। ऐसों की खिदमत में अर्ज़ है इससे पहले कि डॉक्टर भारी फीस लेकर किसी मोहलिक बीमारी की खबर वहशत असर सुनाकर खौफ से अध्मुआ करके आप को कम खाने और वज़न घटाने की ताकीद करे, इससे पहले सादा गिजा और वोह भी ख्वाहिश से कम खाइये और फिर बेशक पहले से ज़्यादा वक़्त बैठकर काम कीजिए ان شآءالله عزوجل आप ख़ुश-अंदाम (SMART) ही रहेंगे।

    किसका कितना वज़न होना चाहिए।

    क़द के मुताबिक़ मर्द के लिए फी इंच एक किलो वज़न मुनासिब है। मिसाल कि तौर पर साढ़े पांच फिट के मर्द के लिए 66 किलो और सवा पांच फिट की औरत का वज़न 59 किलो।

    ठहरिए पहले  ख़ून टेस्ट कराइए।


    पहले शूगर (GLUCOSE) और लिप्ड प्रोफ़ाइल
    (LIPID PROFILE) का टेस्ट करा लीजिए लिपिड में कोलेस्ट्रॉल भी शामिल है इसके लिए कम से कम 12 और ज़्यादा से ज़्यादा 14 घण्टे से ज़्यादा पेट खाली होना ज़रूरी है। हो सके तो رضائےالہی के लिए रोज़ा रखकर शाम को वक़्त की मिकदार के मुताबिक़ ये तमाम टेस्ट करवाइए  अगर रिपोर्ट ख़राब आए तो डॉक्टर के मशवरे के मुताबिक़ वज़न की तरकीब कीजिए।

    रोज़ाना पौन घंटा पैदल चलिये।

    रोज़ाना 45 मिनट इस तरह पैदल चलिए पहले 15 मिनट तेज़ क़दम दूसरे 15 मिनट NORMAL और आखरी 15 मिनट तेज़ इस तरह चलने से ان شآءالله عزوجل बहुत सारे जिस्मनी फावाएद के साथ वज़न में भी कमी आएगी।

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