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    हवा से इलाज (Air treatment)



    हवा से इलाज


    खुली फ़ज़ा में (बेहतर फ़ज्र का वक़्त) आहिस्ता से साँस लेना शुरू कीजिये और जितना गहरा ले सकते हैं ले लीजिये फिर जितनी देर तक अन्दर रोक सकते हैं रोक रखिये। रोज़ाना कम अज़ कम 40 बार इस तरह कीजिये। (काम काज करते हुए या मरीज़ बिस्तर पर लेटे लेटे भी येह अमल कर सकते हैं।) येह अमल मुख़तलिफ़ अमराज़ बिलख़ुसूस ज़ीक़ुन्नफ़स (यानी दमा) और फेफड़ों की बीमारियों के लिए फ़ायदेमन्द है।

    benefits of fresh air hindi
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     मरीज़ अगर साँस की येह वरज़िश करे  तो  ان شآء اللہ عزّوجل रूबा सेह़त हो सेह़तमन्द करे तो अमराज़ से ह़िफ़ाज़त हो।
     ان شآء اللہ عزّوجل सगे-मदीना عُفِیَ عَنہُ को एक बूढ़े ह़कीम साह़िब ने बताया था कि वोह साँस लेने के बाद एक या दो घण्टे तक अन्दर ही रोक लेते हैंऔर इस दौरान औराद व वज़ाएफ़ वग़ैरा भी पढ़ लेते हैं मगर الحمد لله عزوجل साँस नहीं टूटता (येह सब प्रैक्टिस करने से आ सकता है।)
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    एगज़ाॅस्ट फ़ैन


    बैतुलख़ला (यानी TOILET) और बावर्ची ख़ाना (यानी KITCHEN) बल्कि ज़रूरतन कमरे में भी "एगज़ाॅस्ट फ़ैन" लगवाया जाए मगर प्लास्टिक का सिर्फ़ 4 इंच मुन्ना सा नहीं बल्कि मुनासिब साइज़ वाला लोहे का हो, मिसाल के तौर पर घरेलु किचन में 12 इंच का लोहे का एगज़ाॅस्ट फ़ैन मुनासिब है। प्लास्टिक वाला देरपा नहीं होता और हवा भी निस्बतन कम उठाता है। एगज़ाॅस्ट फ़ैन पूरी दीवार में बल्कि चारों तरफ़ कहीं एक मामूली सी दराड़ भी खुली न हो, अगर सिर्फ़ दरवाज़े से हवा खींचने की तरकीब रही तो कमरे की हवा भी साफ़ होती रहेगी, ऐसी सूरत में ज़रूरतन दरवाज़ा पूरा या थोड़ा सा खुला रखना होगा तकि कमरे वग़ैरा की हवा बाहर निकले और दरवाज़े से ताज़ा हवा दाख़िल हो सके वरना एगज़ाॅस्ट फ़ैन ही सुस्त चलेगा! कमरा बड़ा हो तो 18 इंच और ह़स्बे ज़रूरत 24 इंच का एगज़ाॅस्ट फ़ैन भी लगवाया जा सकता है।
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    अगर बड़ा हाल हो तो येह भी सूरत हो सकती है कि आमने सामने दो बड़े-बड़े एगज़ाॅस्ट फ़ैन लगवाए जाएं कि एक बाहर की हवा अन्दर लाए और सामने वाला अन्दर की हवा बाहर निकाले। ज़रूरतन दो से ज़्यादा एगज़ाॅस्ट फ़ैन भी लगवाये जा सकते हैं। जब येह फ़ैन चल रहे हों उस वक़्त अगर चारों तरफ़ खिड़कियाँ वग़ैरा बंद रखी जाएं तो इस सूरत में 

     ان شآء اللہ عزّوجل  ह़ब्स (यानी घुटन) भी नहीं होगा और बड़े कमरे या हाल में फ़ज़ा साफ़ हवा की फ़राहमी के सबब ठन्डी रहेगी। अगर एगज़ाॅस्ट फ़ैन की गोलाई के अतराफ़ में जगाह खुली रही या दराड़ और खिड़कियाँ बन्द ना की गईं तो एगज़ाॅस्ट फ़ैन चलने की सूरत में ख़ातिर ख़्वाह नतीजा ह़ासिल नहीं होगा।


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