हवा से इलाज (Air treatment)
हवा से इलाज
खुली फ़ज़ा में (बेहतर फ़ज्र का वक़्त) आहिस्ता से साँस लेना शुरू कीजिये और जितना गहरा ले सकते हैं ले लीजिये फिर जितनी देर तक अन्दर रोक सकते हैं रोक रखिये। रोज़ाना कम अज़ कम 40 बार इस तरह कीजिये। (काम काज करते हुए या मरीज़ बिस्तर पर लेटे लेटे भी येह अमल कर सकते हैं।) येह अमल मुख़तलिफ़ अमराज़ बिलख़ुसूस ज़ीक़ुन्नफ़स (यानी दमा) और फेफड़ों की बीमारियों के लिए फ़ायदेमन्द है।
benefits of fresh air |
मरीज़ अगर साँस की येह वरज़िश करे तो ان شآء اللہ عزّوجل रूबा सेह़त हो सेह़तमन्द करे तो अमराज़ से ह़िफ़ाज़त हो।
ان شآء اللہ عزّوجل सगे-मदीना عُفِیَ عَنہُ को एक बूढ़े ह़कीम साह़िब ने बताया था कि वोह साँस लेने के बाद एक या दो घण्टे तक अन्दर ही रोक लेते हैंऔर इस दौरान औराद व वज़ाएफ़ वग़ैरा भी पढ़ लेते हैं मगर الحمد لله عزوجل साँस नहीं टूटता (येह सब प्रैक्टिस करने से आ सकता है।)
ان شآء اللہ عزّوجل सगे-मदीना عُفِیَ عَنہُ को एक बूढ़े ह़कीम साह़िब ने बताया था कि वोह साँस लेने के बाद एक या दो घण्टे तक अन्दर ही रोक लेते हैंऔर इस दौरान औराद व वज़ाएफ़ वग़ैरा भी पढ़ लेते हैं मगर الحمد لله عزوجل साँस नहीं टूटता (येह सब प्रैक्टिस करने से आ सकता है।)
एगज़ाॅस्ट फ़ैन
benefits of fresh air |
ان شآء اللہ عزّوجل ह़ब्स (यानी घुटन) भी नहीं होगा और बड़े कमरे या हाल में फ़ज़ा साफ़ हवा की फ़राहमी के सबब ठन्डी रहेगी। अगर एगज़ाॅस्ट फ़ैन की गोलाई के अतराफ़ में जगाह खुली रही या दराड़ और खिड़कियाँ बन्द ना की गईं तो एगज़ाॅस्ट फ़ैन चलने की सूरत में ख़ातिर ख़्वाह नतीजा ह़ासिल नहीं होगा।
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