दूध के फ़ायदे Benefits of milk
दूध के फ़ायदे
नोट : - येह बात हमेशा के लिए याद रखिये कि किसी भी सख़्स के बताए हुए, किताबों में लिखे हुए, किसी वेबसाइट से पढ़े या YouTube वग़ैरा से सुने हुए बल्कि ह़दीस़े मुबारका में बयान किए हुए इलाज भी माहिर डाक्टर की सलाह के बग़ैर नहीं करने चाहिए।
दूध के फ़ायदे
1. अल्लाह पाक की तमाम नेमतों में से एक नेमत दूध भी है, अल्लाह पाक ने दूध में ग़िज़ाइय्यत (Nutrition) साथ साथ बहुत सी बीमारियों का इलाज भी रखा है2. एक तिब्बी तहक़ीक़ के मुताबिक़ दूध पीने वालों की उम्रें ज़ियादा होती हैं।
3. दूध कैल्शियम से भरपूर होता है, यह हड्डियों की बीमारी, आंतों के कैंसर और हेपाटाइटिस को रोकने में मदद करता है।
4. कम उम्री में चेहरे वग़ैरा पर झुर्रियां पड़ गई हों तो रोज़ाना रात गुनगुना (Lukewarm) दूध पियें।
5. चेहरे पर होने वाले मस्सों, दाग़ धब्बों और कील मुहासों का इलाज यह है कि सोने से पहले अपने चेहरे या मुतास्सिरा हिस्से पर क़ाबिले बर्दाश्त गर्म दूध से मालिश कीजिये और और उसी दूध से चेहरा धोइये, फिर आधे घंटे बाद पानी से चेहरा धो लीजिये। इन्शा अल्लाह फ़ायदा हो जाएगा।
6. ताज़े दूध का झाग मलने से दाग़ धब्बे वग़ैरा दूर होते हैं।
7. उबले हुए ताज़ा दूध को ठन्डा करने के बाद पड़ने वाली मलाई की तह चेहरे पर चढ़ाने भी इसके दाग़ धब्बे दूर होते हैं।
8. मलाई में थोड़ी सी पिसी हुई ज़ाफ़रान मिला कर के होटों पर मलें इन्शा अल्लाह होटों का रंग गहरा होगा।
9. दूध में पानी मिलाकर ख़ुशक ख़ारिश वाली लगाएं, थोड़ी देर बाद धो डालिये इन्शा अल्लाह फ़ायदा होगा।
10. गाय या भैंस से निकला हुआ ताज़ा दूध गरम किये बग़ैर फ़ौरन इसमें मिसरी या शहद और वह पानी जिसमें किशमिश को कुछ घन्टों के लिए भिगोया गया हो मिलाकर के 40 दिन तक पीने से नज़र तेज़ होती और याद्दाशत तेज़ होती है। नीज़ टीबी, Hysteria, दिल की बे तरतीब धड़कनों और जिस्मानी कमज़ोरी और कमज़ोर बच्चों के फ़ायदेमन्द है।
11. एक पाव गुलकन्द में 50 ग्राम ईरानी बादाम कूट कर मिलाकर के रख लीजिये और रोज़ाना सुब्ह दूध के साथ दो चम्मच स्तेमाल कीजिये इन्शा अल्लाह याद्दाशत मज़बूत होगी।
12. दूध के साथ पाँच मुनक्का, 6 ग्राम मिसरी और 6 ग्राम गुड़ मिला कर खाने से दांत साफ़ होते, नया ख़ून बनता और वज़्न तेज़ी से बढ़ता है, और क़ब्ज़ में फ़ायदेमन्द है। जिसे कमज़ोरी से चक्कर आते हों उसके लिए भी यह एक बेहतरीन इलाज है।
13. एक आम रात सोते वक़्त और एक आम सुब्ह नहार मूंह चूस कर दूध पीने से सुस्ती दूर होती और बदन में चुस्ती आती और आसाबी कमज़ोरी में भी फ़ायदेमन्द है।
14. दूध के साथ अरारोट पका कर पीने से इन्शा अल्लाह पेशाब में रुकावट के मरज़ से सेहत और बदन को तवानाई मिलती है
15. अगर पेशाब में जलन हो तो सौंफ़ और पिसी हुई मिसरी मिलाकर पकाए गुनगुने दूध के साथ मुनासिब मिक़दार में छोटी इलाइची के दाने खाने से इन्शा अल्लाह फ़ायदा होगा।
16. पेशाब में जलन हो तो ताज़ा दूध में पानी मिलाकर पियें इन्शा अल्लाह जलन दूर होगी। गर्म तासीर वाली ग़िज़ाएं मत खाइये।
18. मसाने की बीमारी में शिफ़ा के तलबगार दूध में गुड़ मिलाकर पियें।
19. आंखों में जलन, दर्द या कोई ज़ख़्म हो तो दूध में डिबोए हुए रूई के गोले आंखों पर रखिये।
20. अगर आंखें रोशनी से मुताअस्सिर हो जाती हैं तो आंखों में ख़ालिस दूध का एक क़त़रा डालिये।
21. आंख में कचरा वग़ैरा पड़ जाने की सूरत में मुताअस्सिरा आंख में दूध के 3 क़त़रे डालिये, इन्शा अल्लाह कचरा आंख से बाहर आ जाएगा।
22. बवासीर हो तो ताज़ा दूध से पांव के तलवों की मालिश कीजिये इन्शा अल्लाह फ़ायदा होगा।
23. एक कप दूध के साथ आधा चम्मच दारचीनी का पाउडर सुबह व शाम स्तेमाल करना बवासीर के लिए फ़ायदेमन्द है।
24. दस्त (Diarrhoea) हो तो बच्चों को गरम दूध में चुटकी भर दारचीनी का पाउडर मिलाकर दीजिये और बड़ों के लिए दारचीनी की मात्रा दो गुनी कर दीजिये।
25. दूध मेदे की तेज़ाबियत (Acidity) ख़त्म करता है।
26. सीने में जलन होती हो दिन में तीन बार ठन्डा दूध पियें।
27. नहार मूंह टमाटर खाकर ऊपर से दूध पीने से ख़ून साफ़ होता और ताज़ा ख़ून बनता है।
28. फ़ायदेमन्द दूध वही है जो ताज़ा और साफ़ सुथरा हो और अच्छी ख़ुराक खाने वाले सेह़त मन्द जानवरों से हासिल किया गया हो।
29. दूध में चीनी मिलाने से इसका कैल्शियम तबाह हो जाता है।
30. चीनी से मीठा किया हुआ दूध पीने से बल्ग़म बनता, पेट में गड़बड़ होती और गैस पैदा होती है।
31. 500 मिली लीटर दूध में 250. ग्राम गाजर के छोटे छोटे टुकड़े उबाल कर इतना ठन्डा कर लीजिये कि पीने के क़ाबिल हो जाए, अब पीलीजिए, (गाजर के टुकड़े भी साथ खा लीजिये) इस तरह का दूध जल्द हज़्म होता,पेट साफ़ करता और बदन में ख़ूब आइरन पैदा करता और जिस्मानी कमज़ोरी और मेदे की तेज़ाबियत में फ़ायदेमन्द है।
33. गर्म दूध पीने से हिचकी (Hiccup) दूर होती है।
34. आयुर्वेद के मुताबिक़ शहद, ग्लूकोज़, गन्ने या फलों का रस या बग़ैर बीज की किशमिश या मिसरी या भूरी शकर से मीठा किया हुआ दूध खांसी के लिए फ़ायदेमन्द है।
35. दूध दोहने के बाद फ़ौरन पी लेना ज़ियादा फ़ायदेमन्द है, अगर यह मुमकिन ना हो तो गुनगुना दूध पिया जाए ज़ियादा देर तक उबालने से दूध का न्यूट्रीशन ख़त्म हो जाता है।
36. जिन लोगों को दूध हज़्म नहीं होता, गैस करता और पेट फुलाता है वोह शहद मिलाकर स्तेमाल करें, शहद मिला हुआ दूध जल्द हज़्म होता है और इससे पेट में गैस नहीं बनाती।
37. दूध में अदरक के कुछ टुकड़े या अदरक पाउडर और थोड़ी किशमिश मिलाकर उबाल कर पीने से इन्शा अल्लाह गैस नहीं होगी।
38. दमे के मरीज़ और बल्ग़मी मिज़ाज वालों को चाहिए कि वोह दूध में "इलइची" या "छुहारे" या शहद मिलाकर पियें।
39. भैंस का दूध भारी होता है, उमूमन भैंस के दूध का मक्खन और घी बनाया जाता है, यह बल्ग़म बनता, कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता और मोटापा लाता है, हां जो ह़ज़्म कर सके उसके लिए भैंस का दूध सबसे ज़ियादा ताक़तवर माना जाता है।
40. गाय का दूध भैंस के दूध से हल्का होता है यह जल्दी ह़ज़्म हो जाता है।
41. गाय का दूध सरतान (Cancer) से भी बचाता है।
42. बकरी का दूध सबसे बेहतर माना जाता है, इससे जिस्म को ताक़त मिलती, ह़ाज़िमा दुरुस्त होता और भूक बढ़ती है।
43. भेड़ का दूध मिज़ाजन गर्म होता है। यह क़ब्ज़ करता और गैस बनाता है इसका ज़ायक़ा नमकीन सा होता बाल लम्बे करता है, मोटापे में कमी लाता है मगर आंखों को नुक़सान पहुँचाता है, और कभी कभी इससे मूंह में दाने नीकल आते हैं। बच्चों को यह दूध नहीं देना चाहिए।
ख़ालिस दूध की पहचान
1. यह मुमकिन है कि दूध ख़ालिस तो हो मगर गाढ़ा न हो।2. ड्रापर वग़ैरा के ज़रिये दूध का एक क़तरा मार्बल वग़ैरा के पिलर या ऐसी ही प्लेन दीवार से नीचे की तरफ़ टपकाइये अगर दूध ख़ालिस हुआ तो क़तरा फ़ौरी तौर पर नहीं बहेगा
3. ख़ालिस दूध की मलाई मोटी होती है।
4. उंगली दूध में डिबो कर निकालिये अगर उंगली पर दूध लगा रहे तो यह ख़ालिस है वरना पानी मिला हुआ है। दूध पहचानने के माहिर ज़ियादा तर दूध को हाथ में लेकर उसका गाढ़ा पन और चिकनाहट देख कर उसके ख़ालिस होने या न होने का बता देते हैं।
माँ के दूध के फ़ायदे
1. इन्सानी दूध जरासीम से पाक और बच्चे के लिए बहुत बड़ी नेमत है, इसमें बचपन में पेश आने वाली अक्सर बीमारियों से बचाने की सलाहियत है।2. माँ का दूध पीने वाले बच्चों को एलर्जी का ख़तरा कम होता और दस्त भी कम लगते हैं और अगर लगते भी हैं तो ज़ियादा ख़तरनाक साबित नहीं होते जब कि जो बच्चे बच्चियां माँ का दूध नहीं पीते उन्हें माँ का दूध पीने वालों के मुक़ाबले में एलर्जी का ख़तरा सात गुना और दस्तों का ख़तरा पन्दरह गुना होता है।
3. माँ का दूध पीने वाले बच्चों के दांतों के सड़ने, काले पड़ने, सीने के इनफ़ेक्शन, दमे, मेदे की ख़राबियों और गले, नाक और कान की बहुत सी बीमारियों से उमूमन ह़िफ़ाज़त रहती है।
4. अगर किसी वज्ह से माँ का दूध न पिला सके तो डिब्बो के दूध के बजाय किसी भी परहेज़गार ख़ातून से दूध पिलाया जाए तो इससे भी इन्शा अल्लाह फ़ायदे हासिल होंगे।
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